फिटकरी को भारत में लंबे समय से आयुर्वेद और घरेलू नुस्खों में इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह एक प्राकृतिक खनिज है जो ओरल हेल्थ यानी दांतों और मसूड़ों की कई समस्याओं में मदद करता है। खासकर दांतों का पीलापन, बदबूदार सांस, मसूड़ों से खून आना और कैविटी जैसी दिक्कतों में फिटकरी उपयोगी मानी जाती है।
आजकल ज्यादातर लोग दांतों के पीलापन की समस्या से परेशान रहते हैं। इसकी वजह है गलत खानपान, ज्यादा चाय-कॉफी का सेवन, धूम्रपान और दांतों की सही देखभाल न करना। मार्केट में कई तरह के टूथपेस्ट और पाउडर आते हैं, लेकिन उनमें केमिकल की मौजूदगी लंबे समय में नुकसान भी कर सकती है। ऐसे में आयुर्वेदिक तरीके से फिटकरी का प्रयोग दांतों की सेहत के लिए बेहतर और सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
आयुर्वेदिक डॉक्टर भी मानते हैं कि फिटकरी नियमित और सही तरीके से इस्तेमाल की जाए तो दांत प्राकृतिक रूप से साफ और मजबूत बन सकते हैं। इसकी सबसे खासियत यह है कि यह सस्ता, आसानी से मिलने वाला और बिना किसी साइड इफेक्ट के फायदा करने वाला घरेलू उपाय है।
Teeth Whitening Secret
दांतों का पीलापन हटाने के लिए फिटकरी को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका पाउडर बनाकर हल्के हाथों से दांतों पर मलने से प्लाक और दाग-धब्बे कम होते हैं। फिटकरी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जिससे मुंह के कीटाणु नष्ट होते हैं और दांत अधिक लंबे समय तक चमकदार बने रहते हैं।
कई आयुर्वेदिक डॉक्टरों का कहना है कि यदि फिटकरी को बारीक पाउडर में पीसकर थोड़ा सेंधा नमक मिलाकर ब्रशिंग के बाद दांतों और मसूड़ों पर लगाया जाए, तो इसका असर जल्दी दिखने लगता है। हफ्ते में दो से तीन बार इसे इस्तेमाल करना पर्याप्त होता है।
ओरल हेल्थ में फिटकरी के फायदे
फिटकरी खासकर दांतों और मसूड़ों को मजबूत बनाने में सहायक होती है। इसके एंटीसेप्टिक गुण मसूड़ों से खून आने और सूजन जैसी समस्याओं को कम करते हैं। इसके अलावा यह मुंह की दुर्गंध को भी हटाती है।
दांतों की सतह पर जमी गंदगी और प्लाक को हटाने में फिटकरी प्राकृतिक क्लीनज़र का काम करती है। यह दांतों को मजबूत बनाती है और कैविटी से भी बचाव करती है। फिटकरी से कुल्ला करने पर मुंह के बैक्टीरिया मर जाते हैं, जिससे सांसें ताजी रहती हैं।
फिटकरी के उपयोग का सही तरीका
- फिटकरी से कुल्ला: फिटकरी को पानी में घोलकर उससे कुल्ला करें। यह मुंह की गंदगी, दुर्गंध और बैक्टीरिया हटाता है।
- फिटकरी पाउडर से सफाई: इसे पीसकर बारीक पाउडर बना लें और हल्के हाथों से दांतों पर रगड़ें।
- फिटकरी और नमक: फिटकरी पाउडर में सेंधा नमक मिलाकर हफ्ते में दो से तीन बार इस्तेमाल करें।
- फिटकरी वाला पानी: हल्के गुनगुने पानी में फिटकरी घोलकर सुबह-शाम गरारे करें, इससे मसूड़ों में मजबूती आती है।
ध्यान रहे कि फिटकरी का अत्यधिक या रोज़ाना सीधा इस्तेमाल करने से दांतों की ऊपरी परत यानी एनामेल पतली हो सकती है। इसलिए इसका उपयोग डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण और फिटकरी
आयुर्वेद में फिटकरी को ‘सुहागा’ भी कहा जाता है और इसे कषाय, शीत और कृमिनाशक माना गया है। इसका प्रयोग न केवल दांतों में बल्कि घाव भरने, त्वचा की समस्याओं और बालों की मजबूती में भी किया जाता है। ओरल हेल्थ के लिए खासतौर से इसका महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से मुंह के वातावरण को संतुलित करता है।
आयुर्वेदिक डॉक्टर इस बात से सहमत हैं कि अगर फिटकरी का सही मात्रा में प्रयोग किया जाए तो यह किसी भी उम्र के व्यक्ति के लिए सुरक्षित और असरदार है। खासकर दांतों की पीलापन, बदबू और मसूड़ों की समस्या में यह सस्ता और असरदार घरेलू उपचार साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
फिटकरी एक प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय है जो दांतों के पीलापन और मसूड़ों की समस्या को दूर करने में मदद करता है। बाजार के केमिकल प्रोडक्ट्स की तुलना में यह ज्यादा सुरक्षित और किफायती है। लेकिन इसका इस्तेमाल सीमित मात्रा में और सही तरीके से करना जरूरी है। नियमित उपयोग से न केवल दांत साफ और चमकदार दिखेंगे, बल्कि ओरल हेल्थ भी बेहतर होगी।