मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए लाड़ली बहना योजना शुरू की है। इस योजना का मकसद उन महिलाओं को सहायता देना है, जिन्हें परिवार में आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस योजना के तहत हर पात्र महिला को सरकार सीधे उनके बैंक खाते में आर्थिक सहयोग देती है।
लाखों महिलाएं इस योजना से जुड़ चुकी हैं और हर महीने उन्हें निश्चित रकम की किस्त दी जाती है। इससे महिलाओं को घर की जिम्मेदारियों को उठाने में आसानी होती है। खासकर ग्रामीण इलाकों और निम्न वर्गीय परिवारों की बहनें इसका सीधा लाभ उठा रही हैं। अब महिलाओं को सबसे ज्यादा इंतजार 28वीं किस्त का है, जिसमें 1250 रुपए उनके खाते में आएंगे।
Ladli Behna Yojana 2025
लाड़ली बहना योजना मध्य प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू किया गया था। इस योजना के तहत राज्य सरकार पात्र महिलाओं को हर महीने आर्थिक सहायता देती है।
शुरुआत में इस योजना से 1000 रुपए की सहायता दी गई थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 1250 रुपए प्रति माह कर दिया गया। इसका मकसद महिलाओं को छोटी-छोटी जरूरतों को बिना किसी पर बोझ बने पूरा करने की सुविधा देना है।
इस योजना की खास बात यह है कि पैसा सीधे महिलाओं के बैंक खाते में भेजा जाता है। इससे न केवल पारदर्शिता रहती है बल्कि महिलाओं को अपने पैसे पर पूरा अधिकार भी मिलता है।
28वीं किस्त की बड़ी खबर
सरकार ने लाड़ली बहना योजना की 28वीं किस्त को लेकर बड़ा ऐलान किया है। इस बार भी महिलाओं के बैंक खाते में 1250 रुपए डाले जाएंगे। किस्त की तारीख तय कर दी गई है, और सभी पात्र महिलाओं के खातों में एक ही दिन यह पैसा ट्रांसफर किया जाएगा।
पिछली किस्त की तरह इस बार भी लाखों महिलाएं इसका इंतजार कर रही हैं। सरकार की ओर से यह पैसा महिलाओं के आर्थिक संबल के लिए सीधा उनके खातों में जाएगा। इस बार की किस्त 28वीं है, यानी यह योजना लंबे समय से लगातार चल रही है और महिलाओं को निरंतर मदद मिल रही है।
किसे मिलेगा किस्त का लाभ?
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलता है, जिनकी पात्रता सरकार ने तय की है। सामान्य तौर पर यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए है।
इसमें अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा और विवाहित महिलाएं शामिल हैं। शर्त यह है कि परिवार की कुल वार्षिक आय एक निश्चित सीमा से अधिक न हो। साथ ही जिन महिलाओं के पास खुद का सरकारी नौकरी का स्रोत या अधिक आय के साधन हैं, उन्हें यह लाभ नहीं दिया जाता।
महिला का बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक होना जरूरी है ताकि सीधे पैसा डाला जा सके। इसके साथ ही बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) सुविधा सक्रिय होना चाहिए।
योजना से मिलने वाले फायदे
लाड़ली बहना योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि महिलाओं को हर महीने एक निश्चित आर्थिक सहयोग सीधे उनके खाते में पहुंचता है। इससे उन्हें अपने व्यक्तिगत खर्चों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
राज्य सरकार का मानना है कि महिलाओं के पास अपना पैसा होगा तो परिवार में उनका आत्मविश्वास और सम्मान भी बढ़ेगा। यही कारण है कि यह योजना अब तक लगातार किस्तों के रूप में चल रही है।
इस पैसे का उपयोग महिलाएं अपने और अपने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और घर की अन्य आवश्यकताओं पर कर सकती हैं। छोटे व्यवसाय शुरू करने या आत्मनिर्भर बनने के लिए भी यह रकम सहायक साबित हो रही है।
28वीं किस्त कब आएगी खाते में?
सरकार ने घोषणा की है कि 28वीं किस्त की राशि आने वाली तय तारीख को सभी पात्र महिलाओं के खाते में डाल दी जाएगी। इस बार भी किस्त की राशि 1250 रुपए तय की गई है।
पैसा सीधे बैंक खाते में DBT के जरिए आएगा, इसलिए महिलाओं को बैंक या पंचायत कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। किस्त का पैसा उसी दिन खाते में जमा हो जाएगा जब सरकार इसे जारी करेगी।
राशि आने के बाद महिलाएं नजदीकी बैंक, एटीएम या सीएसपी केंद्रों से आसानी से पैसे निकाल सकती हैं। गांवों में रहने वाली बहनों के लिए यह सबसे आसान तरीका है।
योजना का महत्व
लाड़ली बहना योजना सिर्फ आर्थिक मदद ही नहीं देती बल्कि यह महिलाओं में आत्मनिर्भरता और सामाजिक सशक्तिकरण भी बढ़ाती है। पहले जहां महिलाएं छोटी जरूरतों के लिए परिवार पर निर्भर थीं, अब वे खुद अपने लिए फैसले ले पा रही हैं।
इस योजना ने ग्रामीण और पिछड़े वर्ग की महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया है। लगातार किस्त मिलने से महिलाओं को भरोसा है कि सरकार उनके साथ खड़ी है। यही कारण है कि यह योजना महिलाओं के बीच लोकप्रिय होती जा रही है।
निष्कर्ष
लाड़ली बहना योजना की 28वीं किस्त का इंतजार अब खत्म होने वाला है। तय दिन पर महिलाओं के खाते में सीधे 1250 रुपए भेजे जाएंगे। यह पैसा न केवल महिलाओं की आर्थिक परेशानी कम करेगा बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी भी बनाएगा।
यह योजना महिलाओं के लिए एक मजबूत सहारा बन चुकी है और आने वाले समय में इसका लाभ समाज और परिवार दोनों को लंबे समय तक मिलता रहेगा।