GST Update 2025: 48 चीजें सस्ती, 22 सितंबर से आम आदमी का सपना होगा सच

Published On: September 26, 2025
GST Update 2025

GST में GoM की मंजूरी से रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजें अब सस्ती होने वाली हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में GST काउंसिल की 56वीं बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया है। काउंसिल ने टैक्स के चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर सिर्फ दो मुख्य टैक्स स्लैब (5% और 18%) कर दिया है, जिससे दैनिक जरूरतों की वस्तुएं काफी सस्ती हो जाएंगी। रोजमर्रा के सामानों पर GST दरें कम होने से आम लोगों को राहत मिलेगी और MSME सेक्टर को भी फायदा पहुंचेगा.

सरकारी घोषणा के मुताबिक, अब प्रोसेस्ड फूड, डिटर्जेंट, साबुन, साइकिल, ब्रेड, रोटी, घी, मक्खन, अल्ट्रा हाई टेम्परेचर मिल्क, पढ़ाई-लिखाई का सामान, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स और छोटी कारों जैसी चीजें सस्ती होंगी। वित्त मंत्री ने बताया कि यह नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी, जिससे दशहरे-दीवाली के पूरे त्योहार के मौसम में आम जनता को तत्काल राहत मिलेगी.

GST Update 2025

GST काउंसिल ने लंबे समय के बाद टैक्स ढांचे में बड़ा परिवर्तन किया है। GoM यानी ‘Group of Ministers’ की बैठक में नए नियमों को मंजूरी दी गई. अब टैक्स स्लैब में बड़ी कटौती की गई है, जिसके तहत 12% और 28% वाले टैक्स स्लैब हटा दिए गए हैं। इससे अधिकतम वस्तुएं 5% व 18% दर में आ जाएंगी; वहीं कुछ चुनिंदा विलासिता व हानिकारक चीजें 40% के नए स्लैब में रहेंगी.

इस योजना का उद्देश्य जीएसटी को ज्यादा साधारण, पारदर्शी और लोगों की जरूरत के मुताबिक बनाना है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर इस रिफॉर्म को आगे बढ़ा रही हैं। इससे सामान व सेवाओं का वर्गीकरण आसान हो गया, जिससे कानूनी विवाद कम होंगे और कारोबार को प्लानिंग में मदद मिलेगी.

रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजों पर राहत

सरकारी फैसले के अनुसार, आम आदमी व मध्यम वर्ग के लिए सबसे फायदा प्रोसेस्ड फूड जैसे रेडी-टू-ईट आइटम्स, बेकरी उत्पादन, स्नैक्स, हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, साबुन, डिटर्जेंट, पर्सनल केयर और घरेलू क्लीनर की कीमतों में सीधी राहत मिलेगी। ये सामान अब सिर्फ 5% के स्लैब में होंगे.

ब्रेड, रोटी, पराठा और खाखरा जैसी भारतीय डेली फूड को और भी राहत दी गई है—इन पर अब जीरो GST लगेगा. दूध, छेना, मक्खन, घी, और डेयरी स्प्रेड्स भी जीएसटी मुक्त या 5% स्लैब में आ गए हैं, जिससे यह जरूरी सामान सस्ता होगा। वहीं इंश्योरेंस सेक्टर में लाइफ व हेल्थ इंश्योरेंस को पूरी तरह जीएसटी से छूट दे दी गई है.

उद्योगों और सर्विस सेक्टर के लिए बदलाव

इन रिफॉर्म्स का फायदा कारोबारियों को भी मिलेगा। MSME और छोटे व्यवसायियों के लिए जीएसटी काउंसिल ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, रिटर्न भरने और रिफंड के सिस्टम को आसान किया है। अब ज्यादा चीजें और सर्विसेज GST के दायरे में स्टैंडर्ड रेट (18%) पर आ जाएंगी। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, टीवी, छोटी कार, 350 सीसी तक की मोटरसाइकिल, हैंडिक्राफ्ट्स, ग्रेनाइट, संगमरमर ब्लॉक आदि वस्तुएं भी शामिल हैं.

जो चुनिंदा चीजें विलासिता/हानिकारक मानी जाती हैं, जैसे तंबाकू, शराब, बड़ी कारें, कोल, एरोप्लेन या गैम्बलिंग जैसी सर्विसेज, उनके लिए नए नियम के तहत 40% टैक्स लगाया जाएगा.

नई दरें कब और कैसे लागू होंगी

22 सितंबर 2025 से नए जीएसटी स्लैब देशभर में लागू हो जाएंगे, यानी नवरात्रि के पहले दिन से ही हर रोज इस्तेमाल की सैकड़ों चीजों पर कम टैक्स लगेगा. सरकार ने राज्यों के साथ सहमति बनाकर इस रिफॉर्म को लागू किया है, जिससे सभी को लाभ पहुंच सके।

उपभोक्ता को मिलेगा क्या फायदा – लागू करने की प्रक्रिया

इन नए GST नियमों का सबसे बड़ा फायदा आम लोगों और परिवारों को सीधे रूप से मिलेगा। अपनी रोजमर्रा की खरीददारी पर अब ज्यादा टैक्स नहीं देना पड़ेगा। किराना, घरेलू सामान, पढ़ाई के उपकरण, पर्सनल केयर, कपड़े, डेयरी व हेल्थ प्रोडक्ट्स आदि की कीमतें बाजार में कम हो जाएंगी। दुकानदारों को भी टैक्स देने में आसानी होगी, और ई-इन्वॉयस, प्री-फिल्ड रिटर्न जैसे कई सुविधाएं मिलेंगी.

सरकार की ओर से सभी राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि दुकानदारों को दरों में बदलाव की जानकारी दें और आम जनता को नए रेट्स का फायदा दिलाएं। हेल्थ सेक्टर, एजुकेशन में भी काफी राहत मिलने वाली है.

निष्कर्ष

GST स्लैब में बदलाव से आम आदमी, मध्यम वर्ग, छोटी इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर को खूब राहत मिलेगी। रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी, कारोबार आसान होगा और टैक्स सिस्टम भी सिर्फ दो दरों में सीमित होकर पारदर्शी और सरल बनेगा.

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