सोना और चांदी दोनों ही भारतीय बाजार में निवेश के पसंदीदा विकल्प हैं। हाल ही में इनकी कीमतों में बड़ी गिरावट देखी गई है, जो सौदेबाजों और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। पिछले कुछ महीनों में सोना लगातार ऊंचे दामों पर था, लेकिन सितंबर 2025 में इसकी कीमतों में तेज गिरावट आ रही है। खास बात यह है कि 24 कैरेट से लेकर 18 कैरेट तक सोने के दाम घटे हैं, जिसकी वजह से लोग खरीदारी के लिए उत्साहित हैं। चांदी के दामों में भी गिरावट आई है, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों की स्थितियों के कारण हो रही है।
इस लेख में सोना और चांदी के नवीनतम दामों की जानकारी के साथ-साथ उनके घटने के कारण, बाजार की स्थिति और निवेशकों के लिए क्या असर होगा, इस बारे में स्पष्ट जानकारी दी जाएगी। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि इस वर्ष सोना-चांदी की कीमतों में कैसे उतार-चढ़ाव आए हैं और किन कारणों से यह स्थिति बनी है।
Gold Silver Price Drop 2025
सितंबर 2025 में सोने और चांदी के दामों में गिरावट आना भारतीय बाजार के लिए बड़ा विषय बना हुआ है। 16 सितंबर 2025 के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत करीब ₹11,105 प्रति ग्राम है, जो पहले के मुकाबले थोड़ी कम हुई है। वहीं, 22 कैरेट सोने का दाम ₹10,179 प्रति ग्राम तथा 18 कैरेट सोने का भाव ₹8,328 प्रति ग्राम है।
यदि 10 ग्राम की बात करें तो 24 कैरेट सोने का मासिक भाव लगभग ₹1,11,050 से नीचे आकर अब ₹1,09,097 तक गिर चुका है। 22 कैरेट सोने की कीमत भी कम होकर ₹99,933 प्रति 10 ग्राम रह गई है, जबकि 18 कैरेट सोना ₹81,823 प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। चांदी की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव देखा गया है तथा 1 किलो चांदी का भाव अब ₹1,24,499 रह गया है।
इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं। वैश्विक स्तर पर सोने और चांदी के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर के रुख, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों और आर्थिक प्रदर्शनों के आधार पर घटते-बढ़ते रहते हैं। इसके अलावा भारत में मांग और सरकारी नीतियों का भी असर पड़ता है। वर्तमान में आर्थिक स्थिति में सुधार के संकेत और निवेशकों की सावधानी इस गिरावट को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा त्योहारों और विवाह सीजन के पहले उपभोक्ता भी कीमतों में गिरावट का फायदा उठाने के मौके की तलाश में हैं।
सरकारी नीतियों और स्कीमों का असर
सरकार और केंद्रीय बैंक पुराने समय से सोना-चांदी के व्यापार और निवेश को लेकर कई नीतियां चलाते रहे हैं, जो कीमतों को प्रभावित करती हैं। सोना-चांदी के कारोबार को नियंत्रित करने के लिए कई बार जीएसटी (माल एवं सेवा कर) की दरों में बदलाव किया जाता है, जिससे थोक और खुदरा भाव सीधे प्रभावित होते हैं।
इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने कुछ सालों में पॉलिसी बनाई है, जिससे घरेलू बचत को प्रोत्साहित किया जाए जैसे कि गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme)। इस योजना के अंतर्गत निवेशक सोने में निवेश तो करते हैं, लेकिन भौतिक सोना रखने की जगह सरकार के माध्यम से डिजिटल रूप से स्वर्ण में निवेश करते हैं। इस स्कीम स्न लाभ यह होता है कि निवेशकों को भौतिक सोना खरीदने की जरूरत नहीं होती, जिससे चोरी और गुणवत्ता के जोखिम कम हो जाते हैं। साथ ही इस पर ब्याज भी मिलता है।
हालांकि इस समय सोने-चांदी के दाम गिर रहे हैं, लेकिन सरकार की गोल्ड बॉन्ड स्कीम जैसी योजनाएं निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प हैं। यह स्कीम निवेशकों को पारंपरिक सोना खरीदने से बेहतर विकल्प देती है और इसके तहत सरकार की गारंटी भी मिलती है।
लोगों के लिए सलाह
वर्तमान में सोना-चांदी के दामों में जो तेजी से गिरावट आई है, उससे खरीददारों को खरीदारी का अच्छा मौका मिल सकता है। खासकर 24 कैरेट सोने का दाम जो ₹1,09,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर चुका है, यह पिछले कुछ महीनों के मुकाबले काफी कम है। ऐसे में जो लोग सोने को निवेश या आभूषण के रूप में खरीदना चाहते हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल है।
हालांकि निवेशकों और खरीदारों को यह ध्यान रखना चाहिए कि सोने और चांदी के दाम काफी हद तक वैश्विक मार्केट और घरेलू आर्थिक स्थितियों पर निर्भर करते हैं। कीमतों का यह उतार-चढ़ाव एक सामान्य प्रक्रिया है, इसलिए जल्दबाजी में खराब गुणवत्ता या गलत समय पर खरीद न करें।
सरकार की गोल्ड बॉन्ड योजना जैसे विकल्पों पर भी ध्यान दें, क्योंकि यह निवेश की एक सुरक्षित और कर लाभदायक विकल्प हो सकती है। इसके अलावा अगर आभूषण खरीद रहे हैं तो लगान, सील, शुद्धता आदि की जांच अवश्य कराएं।
निष्कर्ष
इस साल सितंबर 2025 में सोना-चांदी के दामों में तेज गिरावट आई है, जिसका प्रभाव बाजार पर काफी पड़ा है। 24 कैरेट से लेकर 18 कैरेट तक के सोने के भाव कम हुए हैं, साथ ही चांदी के दाम भी घटे हैं। इस गिरावट का कारण वैश्विक आर्थिक स्थिति, सरकार की नीतियां और निवेशकों का व्यवहार माना जा रहा है।
ऐसे में सोना और चांदी खरीदने वाले लोगों के लिए यह एक उपयुक्त मौका हो सकता है, खासकर अगर वे उसे निवेश के नजरिए से देख रहे हैं। सरकार की गोल्ड बॉन्ड जैसी योजनाएं निवेश को सुरक्षित और सरल बनाती हैं। भविष्य में सोना-चांदी के दामों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी रहेगा, इसलिए बाजार की स्थिति को समझकर ही कोई बड़ा फैसला लेना चाहिए।