दिल्ली में भी एक ऐसी जगह है जो देखने में गोवा जैसी लगती है और जहां कम कीमत पर स्वादिष्ट खाना मिल जाता है। बहुत से लोग इस जगह को नहीं जानते, लेकिन एक इन्फ्लुएंसर ने यहां का खाना चखा और बताया कि यहां खाने की शुरुआत मात्र 15 रुपये से होती है। इसकी वजह से यह जगह लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब यहां खाना इतना सस्ता है तो 40 हजार रुपये कहां गवा रहे हैं? इस विषय पर जानकारी लेते हैं कि क्या यह सच है और इसके पीछे कौन-कौन से सरकारी या अन्य फायदे हैं।
यह जगह दिल्ली में बड़ी धूम मचा रही है। खासतौर पर युवा और खाने-पीने के शौकीन यहां खाना खाने के लिए आते हैं। कम कीमत में ताजी और स्वादिष्ट डिशेस मिलने की वजह से यह मार्केट काफी भीड़भाड़ वाली हो गई है। इन्फ्लुएंसर के वीडियो और रिव्यू ने इस जगह को और लोकप्रिय बना दिया है। यहां खाने के विकल्प भी बहुत हैं, जो सभी का ध्यान आकर्षित करते हैं।
Goa-like Place in Delhi 2025
दिल्ली में यह जगह खाने के शौकीनों के लिए एक नई खोज है। इसे “दिल्ली का छोटा गोवा” भी कहा जाने लगा है। यहां कम दामों में स्वादिष्ट खाना मिलने की वजह से आम आदमी से लेकर ऑफिस जाने वाले तक बड़ी संख्या में आते हैं। लगभग 15 रुपये से शुरू होने वाला खाना यहां के मुख्य आकर्षण में से एक है।
इस जगह का महत्त्व इसलिए भी है क्योंकि कई बार लोग सोचते हैं कि स्वादिष्ट और अच्छा खाना महंगा ही होगा। लेकिन यहां यह मिथक टूटता दिखता है। साथ ही, यह जगह उन लोगों के लिए भी खास है जो अपने बजट का ध्यान रखते हुए अच्छा अनुभव चाहते हैं।
40 हजार रुपये की बात तब सामने आती है जब लोग सोचते हैं कि इतने कम दामों में पूरी साफ-सफाई, ताजगी और क्वालिटी मिलना संभव नहीं। लेकिन यह जगह इन सभी को साबित करती है कि अच्छा खाना, साफ-सफाई और बढ़िया माहौल कम कीमत में भी मिल सकता है। यही वजह है कि इसे दिल्ली का छोटा गोवा कहा जाने लगा है।
सरकार की ओर से भी इस क्षेत्र और ऐसे छोटे व्यापारों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। खासतौर पर महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे शहरों में छोटे-छोटे खानपान कारोबार को सुगम बनाने के लिए विभिन्न समर्थन योजनाएं हैं। इससे छोटे व्यापारी अपनी दुकानें खोल कर बेहतर सेवा दे पा रहे हैं और उपभोक्ताओं को भी फायदेमंद विकल्प मिल रहे हैं।
इसके अलावा, COVID-19 के बाद छोटे व्यवसायों को उबारने के लिए आर्थिक पैकेज और ऋण भी दिए गए हैं। इससे ये छोटे-छोटे मार्केट विकसित हो रहे हैं और रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। दिल्ली में इस तरह की जगह बनाना और यहां के खानपान की गुणवत्ता बढ़ाना इस योजना का एक परिणाम है।
इतना ही नहीं, कुछ सरकारी परियोजनाएं जैसे स्वच्छता अभियान, महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन देना, और युवा उद्यमियों को लोन देना भी इस व्यवसायिक क्षेत्र को मजबूती प्रदान कर रही हैं।
इन्फ्लुएंसर ने कहा – खाना 15 रुपये से शुरू
जब एक प्रसिद्ध सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने यहां खाना खाया तो बताया कि शुरुआत मात्र 15 रुपये से होती है। यह बात सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस जगह की लोकप्रियता और भी बढ़ गई।
यहां आपको ढेरों खाने के ऑप्शन मिलेंगे, जो ना सिर्फ अच्छे स्वाद के हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी सही हैं। इसमें परांठे, छोले-भटूरे, समोसे, पकौड़े और कई तरह की चाट भी शामिल हैं।
खाना सस्ता होने के बावजूद क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया जाता। कई दुकानदार स्थानीय तत्त्वों का प्रयोग करते हैं, जिससे खानपान घर जैसी सुविधा देता है।
इस जगह की खासियत यह भी है कि लोग यहां सस्ते खाने के साथ-साथ मिलने-जुलने और मनोरंजन का भी आनंद उठा सकते हैं। लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ यहां आते हैं और एक लाजवाब अनुभव प्राप्त करते हैं।
सरकारी योजना और समर्थन
दिल्ली में ऐसे छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कई योजनाएं हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना जैसे स्कीम्स के तहत छोटे व्यापारियों को बैंक से लोन मिलता है। इससे वे अपनी दुकानें बेहतर बना सकते हैं।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत भी युवाओं को बिना गारंटर के ऋण सुविधा प्रदान की जाती है ताकि वे अपना कारोबार शुरू कर सकें।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस क्षेत्र में सफाई और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है, जिससे ग्राहक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में भोजन कर सकें।
इन योजनाओं के माध्यम से ग्राहकों को भी फायदा मिलता है क्योंकि प्रतियोगिता बढ़ने से खाने की कीमतों में स्थिरता आती है और गुणवत्ता में सुधार होता है।
आवेदन प्रक्रिया
अगर कोई व्यक्ति इस प्रकार का व्यवसाय शुरू करना चाहता है तो उसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए आवेदन करना होगा।
आवेदन के लिए सामान्यतया स्थानीय बैंक शाखा या ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग किया जा सकता है।
इसके लिए आधार कार्ड, पहचान पत्र, व्यवसाय का प्रस्ताव और बैंक खाता नंबर आवश्यक होते हैं।
इसके अलावा, स्थानीय निगम और स्वास्थ्य विभाग से आवश्यक लाइसेंस और परमिट लेना बेहद जरूरी होता है।
सरकारी सहायता पाने के लिए व्यवसाय की योजना और वित्तीय योजना पर भी ध्यान देना होगा।
इस प्रक्रिया को अपनाकर एक छोटा बिजनेस शुरू किया जा सकता है जिसमें कम लागत में अच्छा लाभ हो।
निष्कर्ष
दिल्ली में ऐसी जगह का होना जहां खाना 15 रुपये से शुरू हो, एक सुखद अनुभव है। यह दर्शाता है कि कम खर्च में भी बढ़िया खाने का आनंद लिया जा सकता है।
सरकार की योजनाएं छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहन देती हैं, जिससे इस तरह के बाजार फल-फूल रहे हैं।
इस तरह के बाजार न केवल लोगों के लिए सस्ते और अच्छे खाने का स्त्रोत हैं, बल्कि यह रोजगार और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।