सरकारी योजनाओं और पेंशन स्कीमों से जुड़ी जानकारी का लाभ देश के लाखों कर्मचारी और रिटायर्ड वर्ग को मिलता है। हाल ही में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा चलाई जा रही Employees’ Pension Scheme (EPS) से जुड़े पेंशनरों और कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। सरकार ने पेंशनधारकों को बेहतर सहूलियत देने और उनकी आर्थिक स्थिति सुरक्षित करने की दिशा में अहम कदम उठाया है।
कई सेवानिवृत्त कर्मचारी और कामकाजी लोग पेंशन राशि के लिए काफी समय से सुधार की उम्मीद कर रहे थे। अब उन्हें इस योजना में बदलाव और बेहतर कैलकुलेशन से राहत मिलने वाली है। इसका सीधा प्रभाव उनके मासिक पेंशन पर पड़ेगा, जो अब ₹7,500 तक पहुंच सकता है। यह खबर खासतौर पर उन कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा चाहते हैं।
इस फैसले से कर्मचारियों और उनके परिवारों को काफी फायदा मिलेगा। शुरुआती तौर पर EPS योजना का मकसद कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद न्यूनतम पेंशन उपलब्ध कराना था, लेकिन बदलते समय और बढ़ती महंगाई को देखते हुए इसमें लगातार सुधार किए जा रहे हैं।
EPS Pension Update 2025
EPS यानी Employees’ Pension Scheme वर्ष 1995 से लागू है और इसे EPFO द्वारा संचालित किया जाता है। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए है जो संगठित क्षेत्र में काम करते हैं और जिनका वेतन EPF (Employees’ Provident Fund) के दायरे में आता है। कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते से हर महीने कुछ अंशदान EPF खाते में जमा होता है। उसमें से 8.33% राशि EPS में जाती है, जो पेंशन फंड के रूप में काम करती है।
EPS का मुख्य उद्देश्य यह है कि जब कर्मचारी सेवानिवृत्त हों या उनके साथ कोई अनहोनी हो, तब भी उनके और परिवार की आय बनी रहे। इस योजना के तहत कर्मचारी को 58 साल की उम्र के बाद आजीवन पेंशन मिलती है। इसके अलावा परिवार पेंशन भी उपलब्ध है, यानी कर्मचारी के निधन के बाद उसके परिवार को पेंशन मिलती रहती है।
पेंशन कैलकुलेशन और ₹7500 पेंशन
पेंशन कैलकुलेशन EPS में एक विशेष फॉर्मूले से की जाती है। इसे समझना आसान है। पेंशन निकालने का फार्मूला है:
पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन × सेवा के वर्ष) ÷ 70
उदाहरण के तौर पर अगर किसी कर्मचारी का पेंशन योग्य वेतन ₹15,000 है और उसकी सेवा अवधि 35 साल है, तो उसकी पेंशन लगभग ₹7,500 के आसपास बनती है। इस तरह जो कर्मचारी लंबे समय तक सेवा करते हैं और जिनका बेसिक वेतन अच्छा है, उन्हें अधिक पेंशन मिल पाती है।
इस पेंशन कैलकुलेशन के आधार पर अब सेवानिवृत्त कर्मचारी करीब ₹7,500 तक का पेंशन लाभ उठा सकते हैं। पहले कई लोगों को बहुत कम राशि मिलती थी, जिससे उनके खर्च पूरे करना मुश्किल हो जाता था। लेकिन अब यह बदलाव उनके लिए राहत लेकर आया है।
कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए फायदे
EPS योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि रिटायरमेंट के बाद व्यक्ति को नियमित आय की गारंटी मिलती है। बढ़ती उम्र में जब काम करने की क्षमता कम हो जाती है, तब यह योजना सुरक्षा कवच की तरह काम करती है।
इसमें सिर्फ कर्मचारी ही नहीं बल्कि उसके परिवार के सदस्य भी लाभान्वित होते हैं। यदि किसी कर्मचारी का निधन हो जाता है, तो उसके जीवनसाथी और बच्चों को भी पेंशन मिलती है। यही कारण है कि EPS को सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण स्कीम माना जाता है।
आवेदन करने की प्रक्रिया
इस योजना का लाभ पाने के लिए कर्मचारी को EPFO से जुड़ा होना जरूरी है। हर महीने नियोक्ता (Employer) और कर्मचारी का योगदान EPF खाते में जमा होता है, जिसमें से EPS के लिए राशि स्वतः कटती रहती है।
रिटायरमेंट के बाद या 58 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद कर्मचारी को पेंशन फॉर्म भरना होता है। यह फॉर्म EPFO के ऑफिस में या ऑनलाइन पोर्टल से भरा जा सकता है। इसके अलावा पति/पत्नी या परिवार भी केवाईसी और दस्तावेज जमा कराकर पेंशन क्लेम कर सकते हैं।
सरकार की ओर से राहत कदम
सरकार समय-समय पर EPS से जुड़ी नीतियों में बदलाव करती रही है। न्यूनतम पेंशन की सीमा बढ़ाने की लगातार मांग की जा रही थी। अब ₹7,500 तक पेंशन पहुंचना साफ संकेत है कि सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों के हितों को ध्यान में रखकर फैसले ले रही है।
इससे न सिर्फ कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होगा बल्कि समाज में आर्थिक असमानता को भी काफी हद तक रोका जा सकेगा। आने वाले समय में और भी सुधार व बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।
निष्कर्ष
EPS योजना देश के लाखों कर्मचारियों के लिए एक मजबूत सहारा बनी हुई है। पेंशन कैलकुलेशन को सुधारकर ₹7,500 तक पेंशन मिलना एक बड़ी राहत है। यह कदम कर्मचारियों और उनके परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है और उनके भविष्य को और ज्यादा सुरक्षित बनाता है।