संभल जिले में हाल ही हुई हिंसा के बाद, पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। अनुज चौधरी ने संभल में अपने करीब 21 महीने के कार्यकाल में कड़ा और चर्चित प्रशासनिक रवैया दिखाया, जिसकी वजह से वे सुर्खियों में आए। हाल के स्थानांतरण आदेशों में उन्हें फिरोजाबाद जिले का एएसपी (ग्रामीण) बनाया गया है, जिससे उनके करियर में एक नया अध्याय शुरू हो गया है।
संभल में तैनाती के दौरान, अनुज चौधरी का नाम पहली बार बड़े स्तर पर तब सुर्खियों में आया जब जामा मस्जिद विवाद और इसके बाद हुई हिंसा के दौरान उन्होंने कड़ा एक्शन लिया। वे अपने बयानों और जमीनी कार्रवाई की वजह से लगातार चर्चा में रहे। उनके कुछ वक्तव्यों, जैसे “हम पुलिस में मरने के लिए भर्ती नहीं हुए हैं,” सड़क से लेकर राजनीति तक चर्चा का विषय बने। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी किसी कार्यक्रम में उन्हें ‘पहलवान’ की उपाधि दी थी।
Anuj Chaudhary Transfer
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल में बड़े पैमाने पर पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर किया, जिसमें 44 पीपीएस रैंक के अधिकारियों के नाम शामिल थे। इसी क्रम में, संभल के चर्चित एएसपी अनुज चौधरी को चंदौसी (संभल) से हटाकर फिरोजाबाद जिले का एएसपी (ग्रामीण) नियुक्त किया गया है। यह बदलाव इसलिए भी अहम है क्योंकि संभल में 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद परिसर में कोर्ट के आदेश पर सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी, तभी से अनुज चौधरी सुर्खियों में थे।
उनके कार्यकाल के दौरान कई बार उनके रवैये की आलोचना भी हुई, वहीं कुछ लोग उनकी कड़ाई और ईमानदारी की तारीफ करते हैं। समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क सहित कुछ राजनीतिक हस्तियों ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। वहीं कुछ अन्य लोगों ने उनका समर्थन भी किया।
अनुज चौधरी ने अपने तबादले को ‘रूटीन प्रक्रिया’ बताया और कहा कि उन्होंने संभल में काफी कुछ सीखा। उनके मुताबिक पुलिसिंग में अनुशासन और जमीनी पकड़ सबसे अहम है।
अनुज चौधरी की खासियतें और उपलब्धियां
अनुज चौधरी पहले ऐसे अधिकारी हैं जो खेल कोटे से पीपीएस अधिकारी बने और अब एएसपी रैंक तक पहुंचे। वे खुद एक अर्जुन और लक्ष्मण अवॉर्ड से सम्मानित पहलवान रह चुके हैं। तो, न सिर्फ पुलिसिंग बल्कि खेल के क्षेत्र में भी उन्होंने नाम कमाया है।
संभल में हुई हिंसा के बाद, सामाजिक माहौल को शांत करने की जिम्मेदारी भी उनकी थी। उन्होंने जनता को समझाने और कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए कई कदम उठाए। हालांकि, उनके कुछ बयान विपक्ष के निशाने पर भी रहे। उनकी स्पष्टवादिता और डटकर फैसले लेना, यही उनकी सबसे बड़ी खासियत मानी जाती है।
प्रमोशन और नई पोस्टिंग का महत्व
हाल ही में अनुज चौधरी का प्रमोशन हुआ, जिसमें उन्हें सीओ से एएसपी बनाया गया। प्रमोशन सूची में उनका नाम इसलिए भी खास रहा क्योंकि वे खेल कोटे से प्रमोट हुए पहले अधिकारी हैं। अब उन्हें फिरोजाबाद जैसे बड़े जिले में ग्रामीण क्षेत्र की कानून-व्यवस्था और शांति मुद्दों को संभालने का जिम्मा मिल गया है।
फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश के संवेदनशील और प्रमुख जिलों में से एक है, जहां कानून–व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती अधिक होती है। अनुज चौधरी की छवि और पिछले अनुभव को देखते हुए, सरकार ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है जिससे प्रशासनिक व्यवस्था और मजबूत हो सके।
सामान्य ट्रांसफर प्रक्रिया
ऐसे ट्रांसफर पुलिस विभाग की एक सामान्य प्रक्रिया होती है, जिससे अधिकारियों को अलग-अलग जिलों में काम करने का मौका मिलता है। इससे उनमें प्रशासनिक अनुभव के साथ ही बेहतर कार्यशैली विकसित होती है। सरकार की तरफ से हुए तबादलों का मकसद विभाग में नई ऊर्जा और अनुशासन लाना होता है।
निष्कर्ष
संभल में विवाद के बाद चर्चित हुए अनुज चौधरी का तबादला एक रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा है। उनकी छवि एक अलग और तेज़तर्रार पुलिस अधिकारी की रही है। अब फिरोजाबाद में उनकी नई जिम्मेदारी से यह उम्मीद लगाई जा रही है कि अनुशासन और ईमानदारी के साथ वे वहां भी बेहतर प्रशासनात्मक कार्य करेंगे।