आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के वेतन में हाल ही में हुई ताबड़तोड़ बढ़ोतरी ने देशभर के इस महत्वपूर्ण वर्ग के उत्थान की दिशा में एक बड़ी पहल की है। ये कर्मचारी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
लंबे समय से चलता आ रहा उनका वेतन विवाद का विषय था और कई बार वेतन वृद्धि की मांग भी उठाई जाती रही है। अब केंद्र सरकार और न्यायालयों के सकारात्मक कदमों से उन्हें उनका हक मिलने लगा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
इस लेख में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की ताज़ा वेतन वृद्धि, सरकारी योजनाएं, मानदेय की राशि, नई सुविधाएं और उनके आवेदन प्रक्रिया व अन्य संबंधित जानकारियों को सरल हिंदी भाषा में समझाया जाएगा। साथ ही इस बढ़ोतरी के पीछे के कारण और इससे जुड़ी सरकारी योजनाओं की भूमिका पर भी प्रकाश डाला जाएगा।
Anganwadi Workers Salary Hike 2025
आंगनवाड़ी सेवाएं बच्चों और माताओं के विकास के लिए बहुप्रतीक्षित हैं। देश के हर गांव और शहर में ये केंद्र बच्चों को पोषण, टीकाकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। इस प्रणाली के कार्यकर्ता और सहायिका वेतन के नाम पर लंबे समय तक पेंच में फंसे रहे। पहले सरकारी मानदेय बहुत कम था, जैसे कि 2018 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 3,000 रुपये, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 2,250 रुपये और सहायिकाओं को 1,500 रुपये प्रति माह मिलता था।
परंतु 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मानदेय में काफी वृद्धि करने की घोषणा की। इसके तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मानदेय बढ़ाकर 4,500 रुपये, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 3,500 रुपये और सहायिकाओं को 2,250 रुपये मासिक दिया जाने लगा।
इसके अलावा प्रदर्शन के आधार पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि 250 से 500 रुपये तक भी दी जाने लगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत निशुल्क बीमा कवरेज भी प्रदान किया गया।
लेकिन हाल ही में कई राज्यों में अदालतों ने भी दखल देते हुए न्यूनतम वेतन दोगुना करने जैसे आदेश जारी किए हैं। कुछ राज्यों में अब आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का न्यूनतम वेतन बढ़कर लगभग 24,800 रुपये मासिक कर दिया गया है। आंगनवाड़ी सहायिकाओं का वेतन भी इसी प्रकार बढ़ा कर करीब 5,000 रुपये या उससे अधिक किया गया है। यह वृद्धि उनके जीवन स्तर में सुधार लाने और सुविधाओं के स्तर को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार की ओर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए अन्य कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इनमें प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना, जिसमें वेतनभोगी श्रमिकों को वृद्धावस्था में पेंशन का लाभ मिलता है, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को शामिल किया गया है। साथ ही आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत उनका स्वास्थ्य बीमा भी बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इस तरह, वेतन के अलावा सामाजिक सुरक्षा के अन्य लाभ भी मिल रहे हैं।
इसके अलावा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अगर तकनीकी उपकरण, जैसे कि कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (ICDS-CAS) का उपयोग करते हैं, तो उन्हें प्रदर्शन आधारित अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी मिलती है। यह प्रयास उन्हें डिजिटलकरण के माध्यम से काम में और दक्ष बनाने का है।
आंगनवाड़ी वेतन वृद्धि की वजह और इसका महत्व
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वेतन में बढ़ोतरी का मुख्य कारण उनकी जिम्मेदारियों का रखा गया महत्व और लंबे समय से चली आ रही वेतन कमी की स्थिति को सुधारना था। इन कार्यकर्ताओं की भूमिका बच्चों के शुरुआती विकास, माताओं की देखभाल, कुपोषण समस्या का समाधान, टीकाकरण और पोषण अभियान को सफल बनाने में सबसे अहम है। इसीलिए सरकार ने उन्हें उचित वेतन और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का निश्चय किया है ताकि उनका मनोबल बढ़े और वे अपने काम को बेहतर तरीके से कर सकें।
न्यूनतम वेतन में वृद्धि के साथ-साथ बीमा, पेंशन और स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं को जोड़ा जाना इस वर्ग की आर्थिक दशा सुधारने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है। इससे उन्हें सरकारी योजनाओं का भरोसा मिलता है और परिवार की आर्थिक सुरक्षा भी होती है।
इसके अतिरिक्त, न्यायालयों द्वारा भी न्यूनतम वेतन दोगुने से अधिक करने के आदेश ने सरकारों को इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने के लिए मजबूर किया है। इससे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की स्थिति में सुधार के साथ-साथ उन्हें मिलने वाले सम्मान और अधिकार भी बढ़े हैं।
आंगनवाड़ी वेतन वृद्धि के तहत आवेदन प्रक्रिया
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका यदि वेतन वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं, तो सबसे पहले संबंधित राज्य सरकार या स्थानीय विभाग के निर्देशों के अनुसार पंजीकरण/पुन:पंजीकरण कराना आवश्यक है। आमतौर पर वेतन वृद्धि अपने आप उनके बैंक खाते में जमा कर दी जाती है, लेकिन इसके लिए सुनिश्चित होना चाहिए कि वे प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी कर चुके हों।
यदि वेतन न बढ़ने या किसी अन्य समस्या का सामना हो तो वे संबंधित अधिकारी या राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग से संपर्क कर सकते हैं। कई राज्यों में ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध हैं, जहां वेतन वृद्धि संबंधी जानकारी एवं शिकायत दर्ज की जा सकती है।
सरकार समय-समय पर विभिन्न प्रशिक्षण और कार्यशाला भी आयोजित करती है जिससे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी दक्षता और ज्ञान को बढ़ा सकें।
निष्कर्ष
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के वेतन में हुई ताबड़तोड़ वृद्धि उनके जीवन स्तर को सुधारने और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाता है बल्कि बच्चों और माताओं को बेहतर सेवाएं देने में भी मदद करता है।
सरकार की विभिन्न योजनाएं और न्यायालयों के आदेश मिलकर इस परिवर्तन को संभव बना रहे हैं, जिससे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उत्साहित होकर अपने सामाजिक कार्य को और समर्पित होकर कर सकें। इस कदम से देश के गरीब वर्ग के विकास में भी मदद मिलेगी और पोषण अभियान को मजबूती मिलेगी।