पैतृक संपत्ति में सिर्फ अपना हिस्सा कैसे करें अपने नाम – आसान स्टेप्स 2025 Ancestral Property Distribution 2025

Published On: September 20, 2025

पैतृक संपत्ति का मतलब वह ज़मीन या जायदाद होती है जो हमारे पूर्वजों से बिना बंटवारे के विरासत में मिली हो। यह संपत्ति परिवार के सदस्यों के संयुक्त स्वामित्व में होती है। आज के समय में कई लोग चाहते हैं कि पैतृक संपत्ति में उनका अधिकार साफ-साफ हो और उन्हें सिर्फ अपना हिस्सा अपने नाम करवाना हो। इससे उनके अधिकार मजबूत होते हैं और भविष्य में संपत्ति संबंधी विवादों से बचा जा सकता है। 2025 के नए नियमों के अनुसार इस प्रक्रिया को करना अब पहले से ज्यादा आसान और स्पष्ट हो गया है।

पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा अपने नाम करने के लिए कुछ सरकारी प्रक्रियाएं पूरी करनी होती हैं। इसमें जमीन के खतियान, खसरा नंबर, तहसील कार्यालय जाना और दस्तावेजों का जमा करना शामिल है। यह सब कुछ भी चाहिए ताकि आपका हिस्सा आपके ही नाम पर हो और आपकी कानूनी पहचान बन जाए। इस लेख में, आसान भाषा में 2025 के अनुसार पैतृक संपत्ति में अपने हिस्से को अपने नाम करने के मुख्य स्टेप्स बताए जा रहे हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति बिना किसी झंझट के इसे समझ और उपयोग कर सके।

पैतृक संपत्ति में सिर्फ अपना हिस्सा अपने नाम कैसे करें (Ancestral Property Share Transfer 2025)

पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा अपने नाम करने की प्रक्रिया वैधानिक और स्पष्ट है। इसका उद्देश्य सभी कानूनी वारसों के अधिकारों का संरक्षण करना और संपत्ति के उचित बंटवारे को सुनिश्चित करना है। सबसे पहले, आपको अपने हिस्से की सही जानकारी और दस्तावेज एकत्र करने होते हैं। इसके बाद सरकारी तहसील या राजस्व कार्यालय में नामांतरण के लिए आवेदन करना होता है।

पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी का सामान्य अवलोकन

विषयविवरण
पैतृक संपत्ति क्या है?वह संपत्ति जो वंशागत रूप से बिना बँटवारे की स्थिति में पूर्वजों से परिवार तक आई हो।
हकदार कौन होते हैं?सभी वारिस जो कानून के हिसाब से कोपार्सनर (COPARCENER) माने जाते हैं जैसे पुत्र, पुत्री, वंशज आदि।
कानूनी अधिकारसभी वारिसों को संपत्ति में बराबर का हिस्सा मिलता है। बेटियों को भी समान अधिकार मिले हुए हैं।
नामांतरण प्रक्रियाखतियान अपडेट, तहसील में आवेदन, राजस्व निरीक्षण, और Mutation (नामांतरण) के बाद संपत्ति नाम लेखित।
जरूरी दस्तावेजखतियान की प्रमाणित कॉपी, पहचान पत्र, वंशावली, आवेदन पत्र, सहमति पत्र आदि।
समय अवधिआमतौर पर 2-3 महीने में प्रक्रिया पूरी होती है।
विवाद होने पर प्रक्रियातहसीलदार सर्वे करता है, नोटिस जारी करता है, या अदालत की मदद ली जा सकती है।
महत्वपूर्ण नियमसंपत्ति बंटवारे के बाद ही हर वारिस को उसका हिस्सा स्वतंत्र रूप से बेचने/करने का अधिकार।

पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा अपने नाम करने के आसान स्टेप्स

  • स्टेप 1: खतियान और खसरा नंबर की जांच करें
    सबसे पहले उस संपत्ति का खतियान (Land Record) और खसरा नंबर (Khasra Number) तहसील या राजस्व कार्यालय से प्राप्त करें। इससे पता चलता है कि संपत्ति किसके नाम कितनी मात्रा में है।
  • स्टेप 2: वंशावली बनवाएं
    एक कानूनी वंशावली (Family Tree) बनवाएं जिसमें साफ-साफ दिखे कि संपत्ति में आपका हिस्सा कितना है और वह वारस कौन-कौन हैं।
  • स्टेप 3: तहसीलदार को आवेदन दें
    तहसील या राजस्व विभाग में अपनी हिस्सेदारी का नामांतरण करवाने के लिए आवेदन जमा करें। आवेदन के साथ पहचान पत्र, खतियान की कॉपी, वंशावली और सहमति पत्र (यदि सभी सहमत हों) जरूर लगाएं।
  • स्टेप 4: राजस्व अधिकारी द्वारा निरीक्षण
    तहसीलदार या राजस्व अधिकारी जमीन का सर्वे करता है और सभी वारिसों से जानकारी एकत्र करता है। नामांतरण के लिए पब्लिक नोटिस भी जारी किया जा सकता है।
  • स्टेप 5: Mutation (नामांतरण) प्रक्रिया
    सर्वे, प्रमाण और आवेदन सौंपने के बाद अगर कोई विवाद नहीं होता है तो अधिकारी Mutation कर संपत्ति का हिस्सा आपके नाम कर देता है। यह कानूनी प्रक्रिया है जिससे आपका नाम खतौनी में दर्ज होता है।
  • स्टेप 6: दस्तावेज़ प्राप्त करें और सुरक्षित रखें
    Mutation Certificate और अन्य आधिकारिक दस्तावेज को प्राप्त करके सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है क्योंकि यही आपके अधिकार का प्रमाण होता है।

पैतृक संपत्ति में हिस्सा नामांतरण के लिए जरूरी दस्तावेज़

दस्तावेज़ का नामविवरण
खतियान (Land Records)संपत्ति के पंजीकृत दस्तावेजों की प्रमाणित कॉपी
पहचान पत्रआधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड आदि
वंशावली (Family Tree)संपत्ति के वारसों और उनके हिस्से को दिखाने वाला दस्तावेज़
आवेदन पत्रतहसील में जमा किया गया नामांतरण हेतु आवेदन
सहमति पत्रयदि सभी परिवारजन सहमत हों तो दिया जाता है
राजस्व विभाग के आदेशनामांतरण के सरकारी आदेश या प्रमाणपत्र
मृत्यु प्रमाण पत्रयदि संपत्ति मृतक के नाम से ट्रांसफर करनी हो तो आवश्यक
Mutation Receiptनामांतरण शुल्क की रसीद

ध्यान देने वाली महत्वपूर्ण बातें

  • पैतृक संपत्ति में सभी वारिसों (जैसे भाई-बहन, पुत्र-पुत्री) का बराबर हक होता है, जो अब 2005 के संशोधन के बाद और अधिक स्पष्ट है।
  • नामांतरण के लिए सभी की सहमति जरूरी नहीं है, लेकिन विवाद होने पर अदालत में केस करना पड़ सकता है।
  • नामांतरण के बाद ही आपका हिस्सा कानूनी तौर पर सुरक्षित होता है और आप उसे स्वतंत्र रूप से बेच भी सकते हैं।
  • प्रक्रिया में देरी या विवाद के कारण 2-3 महीने लग सकते हैं।
  • बेटियों को भी पैतृक संपत्ति में बराबर का हिस्सा मिलता है, चाहे उनकी शादी हो या न हो।

पैतृक संपत्ति में हिस्सा नामांतरण का संक्षिप्त सारांश

स्टेपक्या करना है?
1. खतियान की कॉपी लेंतहसील से जमीन की आधिकारिक रिकॉर्ड प्राप्त करें
2. वंशावली बनवाएंपरिवार के सदस्यों और हिस्सेदारी की तस्वीर बनाएं
3. तहसील में आवेदन करेंसभी दस्तावेजों के साथ नामांतरण एप्लिकेशन दें
4. राजस्व निरीक्षण करवाएंभूमि का सर्वे और जांच प्रक्रिया पूरी करें
5. Mutation प्रक्रिया पूरी करेंनामांतरण अधिकारी से Mutation कराएं
6. प्रमाणित दस्तावेज प्राप्त करेंMutation सर्टिफिकेट रखें सुरक्षित

Disclaimer:

पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा नाम करने की यह प्रक्रिया सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसे लागू करने के लिए सभी संबंधित राजस्व और तहसील कार्यालय मौजूद हैं। इसके लिए कोई विशेष सरकारी योजना या प्रोत्साहन योजना नहीं है, बल्कि यह संपत्ति के अधिकार को सुरक्षित करने का कानूनी तरीका है। अनधिकृत या अफवाहों पर आधारित कोई सूचना जिसके माध्यम से कोई पैतृक संपत्ति केवल अपने नाम पाने का दावा करता हो, वह गलत या भ्रमित कर सकता है।

Chetna Tiwari

Chetna Tiwari is an experienced writer specializing in government jobs, government schemes, and general education. She holds a Master's degree in Media & Communication and an MBA from a reputed college based in India.

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