सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ता यानी Dearness Allowance एक बेहद अहम सुविधा मानी जाती है। यह भत्ता कर्मचारियों की आय में सीधे जुड़कर उनकी महंगाई के बोझ को कम करने में मदद करता है। हर साल जनवरी और जुलाई महीने में सरकार DA की दरों की समीक्षा करती है और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर इसे बढ़ाया जाता है।
हाल ही में चर्चा यह चल रही थी कि 8वां वेतन आयोग लागू होने से पहले कर्मचारियों को DA में एक बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन वास्तविकता में इस बार सरकार की ओर से कर्मचारियों को झटका लगा है। अब जबकि वेतन आयोग की घोषणा का इंतजार लंबा हो सकता है, उसी दौरान महंगाई भत्ते से जुड़ी खबरों ने कर्मचारियों को निराश किया है।
Dearness Allowance Latest Update 2025
महंगाई भत्ता केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन का एक बड़ा हिस्सा होता है। यह पेंशनरों को भी दिया जाता है और इसकी दरें हर 6 महीने पर संशोधित होती हैं। आज के समय में बाजार में लगातार बढ़ती महंगाई को देखते हुए DA कर्मचारियों के लिए राहत का सहारा बनता है।
जुलाई 2025 में उम्मीद जताई गई थी कि महंगाई भत्ते में 4% की बढ़ोतरी की जाएगी। अगर यह बढ़ोतरी लागू होती, तो कर्मचारियों का DA कुल 54% से बढ़कर 58% हो जाता। लेकिन इस पर अभी तक आधिकारिक फैसला नहीं आया है और यही कारण है कि कर्मचारियों में असंतोष देखने को मिल रहा है।
8वें वेतन आयोग से जुड़ी स्थिति
8वां वेतन आयोग 2026 से लागू होने की संभावनाओं पर चर्चा हो रही है। कर्मचारियों को इस आयोग से बेसिक सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है। लेकिन फिलहाल सरकार की ओर से इस पर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं हुई है।
सरकार का रुख फिलहाल यह माना जा रहा है कि वेतन आयोग की जगह अल्टरनेटिव फॉर्मूले जैसे फिटमेंट फैक्टर या महंगाई भत्ते में समय-समय पर बढ़ोतरी से राहत दी जाए। इससे कर्मचारियों की सैलरी में अंतरिम सुधार संभव हो सकता है। लेकिन जब तक इस पर ठोस कदम नहीं उठता, तब तक कर्मचारियों को केवल DA की बढ़ोतरी का ही इंतजार करना होगा।
कर्मचारियों के लिए ताजा झटका
सितंबर 2025 में यह खबर आई कि महंगाई भत्ते की दरों पर जो बढ़ोतरी तय मानी जा रही थी, वह टल गई है। इससे कर्मचारियों और पेंशनरों में नाराजगी है। दरअसल, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में उतार-चढ़ाव और सरकार की वित्तीय स्थिति के चलते फिलहाल इसे स्थगित किया गया है।
अगर समय रहते DA में बढ़ोतरी नहीं की गई, तो इसका सीधा असर कर्मचारियों की जेब पर पड़ेगा। बाजार में बढ़ती कीमतें उनकी आमदनी और खर्च में सीधा अंतर पैदा करती हैं। खासकर छोटे कर्मचारियों और पेंशनरों को इसका ज्यादा सामना करना पड़ सकता है।
क्या मिलता है महंगाई भत्ते के रूप में
महंगाई भत्ते की दर अलग-अलग श्रेणी के कर्मचारियों और पेंशनरों पर लागू होती है। मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों को 54% DA मिल रहा है। जब इसमें बढ़ोतरी होती है, तो यह सीधे उनके कुल वेतन में जुड़ जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी कर्मचारी का बेसिक पे 30,000 रुपये है और प्राप्त DA 54% है, तो उसे 16,200 रुपये अतिरिक्त मिलते हैं।
अगर यह 58% पर होता तो यह बढ़ोतरी 17,400 रुपये तक पहुंच जाती। यानी कर्मचारियों के हाथ में 1,200 रुपये की अतिरिक्त राशि मिल सकती थी। लेकिन फिलहाल इस फैसले को टालने से राहत का इंतजार और लंबा हो गया है।
भविष्य की संभावनाएं
सरकार की रणनीति पर नजर डालें तो उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले कुछ महीनों में कर्मचारियों को राहत मिलेगी। अक्टूबर या फिर जनवरी 2026 में DA को लेकर नई घोषणा हो सकती है। यह तय है कि 8वें वेतन आयोग से पहले कर्मचारियों को केवल महंगाई भत्ते की नई किस्तों पर ही निर्भर रहना होगा।
वहीं वित्त मंत्रालय और श्रम संगठनों के बीच बैठकों में भी इस विषय पर जोर दिया जा रहा है कि छोटे कर्मचारियों और पेंशनरों के हितों को प्राथमिकता दी जाए।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर 8वें वेतन आयोग से पहले महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी रुक जाने से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को झटका लगा है। हालांकि आगे सरकार की ओर से समाधान की उम्मीद बनी हुई है। कर्मचारियों के लिए इस समय धैर्य से इंतजार करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।