RBI Loan Rules 2025: 50% EMI Limit ने बदली खेल की दिशा, 2 मिनट में समझें कैसे

Published On: September 20, 2025
RBI Loan Rules 2025

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में बैंक लोन से जुड़े नियमों में कई सख्त बदलाव किए हैं, जिससे आम लोगों को लोन मिलने में कठिनाई आ सकती है। ये नए नियम खासकर पर्सनल लोन से जुड़े हैं, जिनका उद्देश्य कर्ज लेने वालों को अत्यधिक कर्ज से बचाना और बैंकों की ऋण नीतियों को ज्यादा जिम्मेदार बनाना है। इस बदलाव के बाद, जिन लोगों के ऊपर पहले से अधिक कर्ज है या जिनकी इनकम कम है, उन्हें आगे नए लोन मिलना मुश्किल होगा। इसे एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि कई लोग बड़े सपनों को पूरा करने या जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन पर निर्भर होते हैं।

RBI ने सबसे अहम नियम में यह तय किया है कि किसी भी व्यक्ति की कुल ईएमआई (EMI) उनकी मासिक आय का 50% से ज्यादा नहीं हो सकती। इसका मतलब है कि अगर पहले किसी बैंक से लोन लेकर कोई व्यक्ति अपनी आमदनी का आधा हिस्सा चुकता कर रहा है, तो अब दूसरे बैंक से लोन मिलना लगभग नामुमकिन है। इसके अलावा, बैंकों को यह भी जरूरी कर दिया गया है कि वे कर्ज लेने वाले की पूरी वित्तीय स्थिति का गहराई से मूल्यांकन करें और उसके मौजूदा कर्जों की स्थिति को बार-बार क्रेडिट ब्यूरो के साथ अपडेट करें। इस कारण से, लोगों के कर्ज की स्थिति जल्दी-जल्दी पता चलती रहेगी और कोई भी व्यक्ति एक साथ कई लोन लेना अब मुश्किल होगा।

RBI Loan Rules 2025

RBI के नए लोन नियमों के तहत, अब बैंक और वित्तीय संस्थान लोन के आवेदन को मंजूरी देने से पहले कर्ज लेने वाले की आय, क्रेडिट स्कोर, और कर्ज चुकाने की क्षमता को और अधिक कड़ाई से जांचेंगे। सबसे बड़ा बदलाव Loan-to-Income Ratio यानि LTI कैप है, जिसमें कुल ईएमआई को मासिक आय का 50 प्रतिशत से अधिक नहीं करने दिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति से अधिक लोन लेकर कर्ज में डूब न जाए।

इसके अलावा, RBI ने क्रेडिट ब्यूरो को अपने रिपोर्टिंग अपडेट्स के समय को घटाकर 30 दिन से 15 दिन कर दिया है। इससे लोन लेने वालों की वित्तीय गतिविधियां बैंकों के सामने जल्दी-जल्दी स्पष्ट हो सकेंगी। पहले, एक व्यक्ति बैंक से लोन लेकर दूसरे बैंक में आवेदन कर सकता था, क्योंकि दूसरी बैंक को पता चलने में काफी समय लगता था। अब यह समय कम हो गया है, इसलिए एक ही समय में कई लोन लेना बेहद कठिन होगा।

बैंक को अब कर्ज लेने वाले की क्रेडिट स्कोर के अनुसार लोन की अधिकतम सीमा तय करनी होगी। यदि व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर कमजोर है या वह पहले से कई लोन चुका रहा है, तो नए लोन के लिए उसे मंजूरी नहीं मिल पाएगी या लोन राशि कम दी जाएगी। यह कदम कर्ज की अव्यवस्था को रोकने के लिए उठाया गया है।

सरकार या RBI की ओर से क्या योजनाएं हैं?

RBI ने इन नियमों को कर्ज लेने वालों की सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए बनाया है। पुराने जमाने में बिना किसी खास जांच के लोन मिल जाना कर्ज की आपाधापी को बढ़ावा देता था, जिससे न केवल व्यक्ति बल्कि बैंकिंग व्यवस्था को भी नुकसान होता था। नया नियम कर्जदारों को फिजूलखर्ची से रोकता है और उन्हें जिम्मेदारी से कर्ज लेने के लिए प्रेरित करता है।

सरकार ने हाउसिंग लोन, एजुकेशन लोन, और अन्य बैंकों के लिए सुरक्षित लोन पर कुछ छूटें भी दी हैं, ताकि लोग आवास या शिक्षा जैसी जरूरी जरूरतों के लिए लोन ले सकें। लेकिन ये पर्सनल लोन के मामले में कड़ाई ज्यादा हुई है। वर्तमान माहौल में, सरकार के कई वित्तीय सहायता कार्यक्रम जैसे स्टार्टअप फंडिंग या किसान ऋण योजनाएं भी हैं, जो विशेष लाभार्थियों को सहायता देती हैं, लेकिन इन पर RBI के नियमों का सीधा प्रभाव नहीं पड़ता।

लोन लेने वाले के लिए क्या सावधानियां जरूरी हैं?

नए नियमों के तहत यदि कोई व्यक्ति लोन लेना चाहता है, तो उसे सबसे पहले अपनी कुल कर्ज की स्थिति और मासिक आय को ध्यान से देखना होगा। यदि पहले से कई लोन चल रहे हैं, तो नया लोन लेना मुश्किल होगा। इसलिए जरूरी है कि पहले के लोन का भुगतान स्थिरता से करें और अपनी क्रेडिट स्कोर को सुधारें।

लोन आवेदन के समय सभी दस्तावेज और वित्तीय जानकारी सही-सही देना भी अत्यंत आवश्यक है। बैंक अब केवल सेल्फ डिक्लेरेशन पर भरोसा नहीं करेंगे बल्कि कड़ी जांच करेंगे। साथ ही, EMIs का समय पर भुगतान करना बेहद महत्व रखता है क्योंकि लेट पेमेंट से क्रेडिट स्कोर कमजोर होगा और नया लोन मिलना मुश्किल हो जाएगा।

अगर कोई व्यक्ति लोन का दायरा सीमित रखना चाहता है, तो उसे अपनी आय से अधिक कर्ज लेने से बचना चाहिए और EMI को नियंत्रित रखना चाहिए। पहले से चल रहे लोन को जल्द से जल्द बंद करने के विकल्पों पर भी विचार कर सकते हैं। क्रेडिट स्कोर को लगातार बनाए रखना लोन मंजूरी के लिए फायदेमंद है। बैंक और NBFC के बीच सही संस्थान का चयन करना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ संस्थान डिजिटल प्रक्रिया के जरिये तेजी से लोन मंजूर कर देते हैं।

निष्कर्ष

आरबीआई के नए लोन नियमों ने कर्ज लेने की प्रक्रिया को बहुत अधिक पारदर्शी और जिम्मेदार बना दिया है। जहां यह कुछ लोगों के लिए लोन मिलना कठिन कर सकता है, वहीं यह देश की आर्थिक स्थिरता और कर्ज की समस्या को कम करने में मददगार साबित होगा। लोन लेने वाले लोगों को चाहिए कि वे अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करें और बैंकिंग नियमों की पूरी जानकारी लेकर ही कर्ज के लिए आवेदन करें। इन नियमों से सभी की वित्तीय सुरक्षा बेहतर होगी।

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