NCR GET 4 New Railway Station: 7 लाख यात्रियों का सपना होगा सच, 2025 की सबसे बड़ी खबर

Published On: September 26, 2025
NCR GET 4 New Railway Station

दिल्ली और उसके आसपास की सबसे बड़ी समस्या हमेशा से ट्रैफिक और भीड़भाड़ वाली रेलवे स्टेशन रही है। हर दिन लाखों लोग दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर पहुंचते हैं और भीड़ इतनी ज्यादा होती है कि यात्री यात्रा का मजा ही नहीं उठा पाते। खासकर कामकाजी लोगों और लंबी दूरी के यात्रियों को हमेशा समय पर ट्रेन पकड़ने में दिक्कत आती है।

इन्हीं मुश्किलों को देखते हुए सरकार और रेलवे ने मिलकर दिल्ली-एनसीआर के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब यहां 4 नए आधुनिक रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे। इन स्टेशनों के बनने से न सिर्फ दिल्ली के प्रमुख रेलवे स्टेशनों जैसे नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और हजरत निजामुद्दीन पर भीड़ घटेगी बल्कि सड़कों पर भी जाम की स्थिति कम होगी।

ये योजना सरकार के ‘रीडेवलपमेंट और नई रेलवे स्टेशन नीति’ के तहत चलाई जा रही है। उद्देश्य है कि यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलें और दिल्ली की सड़क व रेल यातायात पर दबाव कम हो।

NCR GET 4 New Railway Station

एनसीआर में जो चार नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, वे गाजियाबाद, सोनीपत, गुरुग्राम और फरीदाबाद में होंगे। ये स्टेशन दिल्ली के बाहर लेकिन करीब के इलाकों में होंगे, जिससे हजारों यात्रियों को दिल्ली के भीतर पहुंचने की जरूरत नहीं होगी।

गाजियाबाद और गुरुग्राम में पहले से बड़ी संख्या में कामकाजी लोग रहते हैं और यात्रा करते हैं। यहां नए रेलवे स्टेशन बनने से रोजाना हजारों यात्री सीधे अपनी ट्रेन पकड़ सकेंगे। इससे नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली के स्टेशन पर भीड़ काफी हद तक कम हो जाएगी।

सोनीपत और फरीदाबाद के स्टेशन हरियाणा और उत्तर भारत से आने वाले यात्रियों के लिए बड़ी राहत साबित होंगे। ये दोनों शहर तेजी से विकसित हो रहे हैं और यहां से यात्रा करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब इन यात्रियों को दिल्ली के बड़े स्टेशनों तक जाने की जरूरत नहीं होगी।

योजना का महत्व और सुविधाएं

इस योजना के तहत रेलवे स्टेशन आधुनिक डिज़ाइन से बनाए जाएंगे। यहां यात्रियों के लिए एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं देने की कोशिश होगी, जैसे वेटिंग लाउंज, एस्केलेटर, लिफ्ट, साफ-सुथरे प्लेटफॉर्म और बेहतर टिकटिंग सिस्टम।

साथ ही यहां पार्किंग की पर्याप्त सुविधा होगी ताकि यात्रियों को वाहन खड़े करने में परेशानी न हो। दिल्ली में रेलवे स्टेशन पर पार्किंग हमेशा एक बड़ी दिक्कत रही है। नए स्टेशनों में इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

सरकार का कहना है कि ये स्टेशन स्मार्ट सिटी और मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट के साथ जुड़े होंगे। यानी यहां से मेट्रो, बस और अन्य साधनों से आसानी से यात्रा की जा सकेगी।

सरकार और रेलवे की भूमिका

ये प्रोजेक्ट सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) मॉडल पर बनाया जा रहा है। सरकार और भारतीय रेलवे इसमें बुनियादी ढांचा मुहैया कराएंगे और कुछ हिस्से का विकास निजी कंपनियां करेंगी। इस तरह से ये प्रोजेक्ट जल्दी पूरा हो सकेगा और यात्रियों को सुविधाएं समय पर मिलेंगी।

सरकार का लक्ष्य है कि दिल्ली और एनसीआर को जोड़ने वाले इन रेलवे स्टेशनों से अगले 5 से 10 साल तक ट्रैफिक की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। साथ ही यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा के लिए दिल्ली के बड़े स्टेशनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

दिल्ली में ट्रैफिक और भीड़ से राहत

जैसे-जैसे दिल्ली में जनसंख्या और गाड़ियां बढ़ी हैं, वैसे-वैसे सड़क और रेलवे पर दबाव बढ़ता गया है। नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और हजरत निजामुद्दीन स्टेशन रोजाना लाखों यात्रियों को संभालते हैं। नतीजा यह होता है कि इन जगहों पर सफर करने में तकलीफ और समय की बर्बादी होती है।

जब 4 नए स्टेशन तैयार हो जाएंगे तो लगभग 25 से 30 प्रतिशत यात्रियों का दबाव इन पुराने स्टेशनों से कम हो जाएगा। इससे न सिर्फ ट्रेनों का संचालन बेहतर होगा बल्कि सड़कों पर भी जाम की स्थिति कुछ हद तक सुधरेगी।

क्षेत्रीय विकास पर असर

नए स्टेशन केवल यात्रा को आसान नहीं बनाएंगे बल्कि इन इलाकों का विकास भी तेज करेंगे। स्टेशन के आसपास व्यापार और रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे। होटल, रेस्टोरेंट, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और अन्य व्यवसाय यहां पनपेंगे।

यहां से यात्रा करने वाले लोग सीधे अपने शहर से जुड़ सकेंगे और उन्हें दिल्ली आकर ट्रेन पकड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे लोगों का समय और पैसा दोनों की बचत होगी।

निष्कर्ष

दिल्ली-एनसीआर में बन रहे ये 4 नए रेलवे स्टेशन आने वाले समय में शहर की ट्रैफिक और स्टेशन भीड़ की समस्या को काफी हद तक सुलझा देंगे। इससे यात्रियों को आरामदायक और समय पर यात्रा की सुविधा मिलेगी और दिल्ली के बोझ को बांटा जा सकेगा।

क्या आप चाहेंगे कि मैं इस लेख को और ज्यादा आम बोलचाल की भाषा में बनाऊं ताकि यह छोटे शहरों और गांव के पाठकों के लिए भी और आसान हो?

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