आज के समय में खेती-बाड़ी पूरी तरह से बिजली और पानी पर निर्भर है। ज्यादातर किसान सिंचाई के लिए डीजल पंप या बिजली से चलने वाले मोटर का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में जब डीजल और बिजली दोनों की लागत लगातार बढ़ती जा रही है, तब किसानों के लिए खेती महंगी होती जा रही है। सरकार ने इसी समस्या को देखते हुए किसानों की मदद के लिए एक खास योजना शुरू की है।
इस योजना का नाम है प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM Kusum Yojana 2025)। यह योजना न सिर्फ किसानों की बिजली और डीजल की समस्या कम करेगी बल्कि उन्हें मुफ्त और लगातार चलने वाला सिंचाई का साधन उपलब्ध कराएगी। सरकार का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा किसान सोलर पंप अपनाएं और खेती में आधुनिकता के साथ-साथ खर्चों को भी कम कर सकें।
सरकार ने घोषणा की है कि इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप लगाने पर 90% तक सब्सिडी दी जाएगी। यानी किसानों को बहुत कम पैसे खर्च करने होंगे और उन्हें लंबे समय तक मुफ्त बिजली का फायदा मिलता रहेगा। यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
PM Kusum Yojana 2025
प्रधानमंत्री कुसुम योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने किसानों को सौर ऊर्जा (Solar Energy) से जोड़ने के लिए की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य खेती में इस्तेमाल होने वाली बिजली और डीजल पर होने वाले खर्च को कम करना है।
योजना के तहत किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए सोलर पंप दिए जाते हैं। ये पंप सूरज की रोशनी से चलते हैं और किसानों को न तो बिजली बिल चुकाना पड़ता है और न ही डीजल भरवाने की जरूरत पड़ती है। इससे किसानों के पैसे बचते हैं और उन्हें सिंचाई के लिए 24 घंटे का साधन मिलता है।
किसानों को कितनी सब्सिडी मिलेगी?
इस बार सरकार ने घोषणा की है कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना 2025 में किसानों को सोलर पंप लगाने पर 90% तक सब्सिडी (अनुदान) दिया जाएगा। उदाहरण के लिए अगर किसी किसान को 3 एचपी या 5 एचपी का सोलर पंप लगवाना है और इसकी कीमत लगभग 2 लाख रुपये आती है, तो सरकार इसमें लगभग 1.80 लाख रुपये देगी।
किसान को सिर्फ करीब 10% यानी 20,000 रुपये का ही खर्च करना होगा। बाकी खर्च केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सब्सिडी के रूप में देती हैं। इस तरह किसान कम लागत में लंबे समय तक आराम से बिना खर्च खेती कर सकते हैं।
योजना से किसानों को क्या लाभ होगा?
सोलर पंप का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान दिन हो या रात, धूप मिलते ही सिंचाई कर सकते हैं। बिजली कटने या डीजल खत्म होने की समस्या नहीं होगी।
इससे खेती की लागत घटेगी और मुनाफा भी बढ़ेगा। खासकर वे किसान जो बारिश पर पूरी तरह निर्भर रहते हैं, उनके लिए यह योजना वरदान साबित होगी।
इसके अलावा, सौर ऊर्जा प्रदूषण रहित है। यानी पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा और किसान भी हरित ऊर्जा का हिस्सा बनेंगे।
योजना में आवेदन कैसे करें?
किसान अगर इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो उन्हें सरल प्रक्रिया अपनानी होगी।
- सबसे पहले किसानों को अपने राज्य की ऊर्जा या कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- वहां प्रधानमंत्री कुसुम योजना 2025 के तहत सोलर पंप आवेदन का विकल्प मिलेगा।
- किसान को आवेदन फॉर्म भरना होगा और इसमें जरूरी दस्तावेज जैसे कि आधार कार्ड, जमीन के कागज, बैंक खाता और पासपोर्ट साइज फोटो लगानी होगी।
- आवेदन करने के बाद विभाग दस्तावेजों की जांच करेगा और फिर किसानों को सोलर पंप लगाने की स्वीकृति देगा।
किन-किन किसानों को मिलेगा लाभ?
इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा जो अपनी जमीन पर खेती करते हैं। छोटे और सीमांत किसान भी इसके पात्र होंगे। इसके अलावा, किसान समूह या सहकारी समितियां भी इसमें भाग ले सकती हैं।
सरकार का लक्ष्य है कि साल 2025 तक लाखों किसानों को इस योजना का फायदा दिलाया जाए ताकि खेती पूरी तरह से प्राकृतिक और किफायती ऊर्जा से जुड़ सके।
निष्कर्ष
पीएम कुसुम योजना 2025 किसानों के लिए एक बहुत बड़ी राहत लेकर आई है। सोलर पंप से खेती आसान, सस्ती और पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित होगी। सरकार द्वारा दी जा रही 90% सब्सिडी किसानों की जेब पर बोझ कम करेगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी।
यह योजना सिर्फ किसानों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के ऊर्जा क्षेत्र के लिए भी क्रांतिकारी कदम है, क्योंकि यह हमें स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा की ओर ले जाती है।